Monday, 15 July 2013

बिना दहेज शादी कर आइएएस ने पूरा किया मां का सपना



न बैंड-बाजे थे और ना ही विशेष साज-सज्जा। लजीज व्यंजनों की दावत नहीं और गहनों की चमक भी बहुत दूर। वहां थे सादगी भरे अंदाज में दूल्हा-दुल्हन। दो घंटे में रिंग सेरेमनी से लेकर फेरों तक शादी की सारी रस्में पूरी की गई। दरअसल, दहेज रहित शादी में दूल्हे का सेहरा रांची के असिस्टेंट कलेक्टर भुवनेश प्रताप सिंह के सिर पर था और दुल्हन के लिबास में थीं कानपुर की असिस्टेंट इनकम टैक्स कमिश्नर भावना गुलाटी। दूल्हे ने बिना दहेज की शादी अपनी मां का सपना पूरा करने के लिए की।
दोनों अधिकारियों की शादी रविवार को उत्तर प्रदेश के एटा जिले के गांव बहादुर नगर में भोले बाबा के विश्व हरि साकार धाम में हुई। आइएएस भुवनेश प्रताप सिंह आगरा में संजय प्लेस के रहने वाले हैं। 16 जून, 2012 को रांची में वह असिस्टेंट कलेक्टर नियुक्त हुए। दुल्हन भावना गुलाटी मूलरूप से लखनऊ की रहने वाली हैं। शादी दहेज रहित तो थी ही, इसके अलावा समय और पैसे की बचत का भी संदेश देने की कोशिश की गई।
आमतौर पर होने वाली शादियों में वैवाहिक कार्यक्रम रातभर चलते हैं। यहां समय की बचत करते हुए दो घंटे में ही रिंग सेरेमनी से लेकर जयमाला, सात फेरे और कन्यादान की रस्में पूरी कर ली गई। दूल्हे की मां शांति देवी ने कहा कि लोग तड़क-भड़क में लाखों रुपये खर्च कर देते हैं। इस पैसे को बचाकर अच्छी जगह उपयोग किया जा सकता है। रस्में सादे समारोह में पूरी हो सकती हैं। दोनों ने शादी परिवार वालों की इच्छा पर की है। दोनों परिवार के लोग उच्च पदों पर हैं।

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